Geeta Krishan Ki, Siddhant Karm Ka (गीता कृष्ण की, सिद्धांत कर्म का)
Quick Overview
नई-नई उभरती हुई लेखिका मीनाक्षी जैन, जिनका जन्म 2 फरवरी, 1969 में उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध जिले मुजफ्फरनगर की तहसील जानसठ में हुआ था। मीनाक्षी बचपन से ही प्रतिभाशाली छात्रा थी। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सीबीएसई स्कूलों के माध्यम से ली। उसके पश्चात दिल्ली यूनिवर्सिटी से एम.ए. की डिग्री ली। बचपन से ही उन्हें पढ़ने का बहुत शौक था। अक्सर वो अपनी छोटी-छोटी कविताएं गुनगुनाया करती थी। बचपन से ही उन्होंने अपने परिवार में धार्मिक माहौल देखा था। समय के साथ उनकी यह रुचि बढ़ती गई और इसका परिणाम यह हुआ कि वे सेवा भावना के साथ भी जुड़ गई। इस सेवा भावना ने उन्हें ईश्वर के और करीब ला दिया। उनका कृष्ण के प्रति मोह बार-बार इन्हें श्री भगवद् गीता पढ़ने को प्रोत्साहित करता, परन्तु भाषा के क्लिष्ट होने के कारण कई बार अध्याय को पढ़ना पड़ता था। इन्हीं सब कारणों ने इन्हें श्री भगवद्गीता को सरल शब्दों में लिखने को प्रेरित किया ताकि वह जनमानस को आसानी से आत्मसात हो सके।.
Name | Geeta Krishan Ki, Siddhant Karm Ka (गीता कृष्ण की, सिद्धांत कर्म का) |
---|---|
ISBN | 9789390960156 |
Pages | 312 |
Language | Hindi |
Author | Minakshi Jain |
Format | Paperback |
Genres | Biography & Autobiography |
नई-नई उभरती हुई लेखिका मीनाक्षी जैन, जिनका जन्म 2 फरवरी, 1969 में उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध जिले मुजफ्फरनगर की तहसील जानसठ में हुआ था। मीनाक्षी बचपन से ही प्रतिभाशाली छात्रा थी। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सीबीएसई स्कूलों के माध्यम से ली। उसके पश्चात दिल्ली यूनिवर्सिटी से एम.ए. की डिग्री ली। बचपन से ही उन्हें पढ़ने का बहुत शौक था। अक्सर वो अपनी छोटी-छोटी कविताएं गुनगुनाया करती थी। बचपन से ही उन्होंने अपने परिवार में धार्मिक माहौल देखा था। समय के साथ उनकी यह रुचि बढ़ती गई और इसका परिणाम यह हुआ कि वे सेवा भावना के साथ भी जुड़ गई। इस सेवा भावना ने उन्हें ईश्वर के और करीब ला दिया। उनका कृष्ण के प्रति मोह बार-बार इन्हें श्री भगवद् गीता पढ़ने को प्रोत्साहित करता, परन्तु भाषा के क्लिष्ट होने के कारण कई बार अध्याय को पढ़ना पड़ता था। इन्हीं सब कारणों ने इन्हें श्री भगवद्गीता को सरल शब्दों में लिखने को प्रेरित किया ताकि वह जनमानस को आसानी से आत्मसात हो सके।.