भक्त भगवंत चरितावली एवं चरितामृत (संपूर्ण)
Quick Overview
अनन्त श्री परमहंस राम मंगल दास जी विश्व के एक अद्वितीय ब्रह्मलीन संत थे जिनके सामने शक्तियों सहित भगवान, देवी-देवता, ऋषि-मुनि, हर धर्म के पैगम्बर, सिद्ध सन्त, पौराणिक तथा ऐतिहासिक महापुरुषों ने प्रगट होकर आध्यात्मिक पद व उपदेश लिखवाये। देवी भगवती की आज्ञा से श्री परमहंस राम मंगल दास जी ने यह पुस्तक 1976 ई. में लिखी। इसमें आज के समय के हर धर्म के ऐसे भक्तों की कथाएं हैं जिनके समक्ष भगवान, देवी-देवताओं तथा गुरु नानक जी, द्राुकदेवजी, ईसा मसीह, मोहम्मद साहब से साक्षात्कार तथा उसने हुई बातों का वर्णन किया गया है। गांधी जी को कैसे भगवान अपने लोक ले गए उसका भी अलौकिक वर्णन है।
Name | भक्त भगवंत चरितावली एवं चरितामृत (संपूर्ण) |
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ISBN | 8128817418 |
Pages | 552 |
Language | Hindi |
Author | परमहंस राम मंगल दास |
Format | hard bound |
अनन्त श्री परमहंस राम मंगल दास जी (१८९३-१९८४) गोकुल भवन, अयोध्या
परमहंस राम मंगल दास जी विश्व के एक अद्वितीय ब्रह्मलीन संत थे जिनके समक्ष भगवान, देवी-देवता, ऋषि-मुनि, हर धर्म के पैगम्बर, सिद्ध संत, पौराणिक तथा ऐतिहासिक महापुरुषों ने प्रगट होकर आध्यात्मिक पद व उपदेश लिखवाए। परमहंस राम मंगल दास जी ने इन आध्यात्मिक पदों को मुखयतः चार दिव्य गं्रथों में संग्रहीत किया। भगवत् कृपा से लगभग ५० वर्ष पूर्व लिखे गए तथा दिव्य रूप से नामकरण किए गए इन ग्रंथों का सर्व जगत कल्याण के लिए अब प्रकाशन किया जा रहा है।
विश्व के इन अलौकिक ग्रंथों में भगवान के नाम की महिमा, सद्गुरु महिमा, सुरति शब्द योग, भगवान को पाने के अनेक मार्ग तथा उनमें आने वाली स्थितियां व अनुभव, ध्यान की विधियां, विभिन्न अनहद नाद, पूजन की विधियां, सब कमलों, चक्रों व नाड़ियों का वर्णन है। भगवान, देवी देवताओं के स्वरूप तथा सब लोकों का वर्णन किया गया है।
इन समस्त दिव्य ग्रंथों की मुखय बात यह है कि इनमें किसी विशेष गुरु या साध्न पद्धति का अनुकरण करने के लिए नहीं कहा गया है। ये दिव्य ग्रंथ हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध आदि सभी धर्मों के पालन करने वालों के लिए हैं। अपनी अपनी परंपराओं पर चलते हुए कैसे भगवान की प्राप्ति हो सकती है इसका वर्णन दिव्य सिद्ध संतों ने किया है।