Alif Laila Urf Hazar Dastan PB (1)
Quick Overview
अलिपफ लैला की कहानी अरब देश की एक प्रचलित लोक कथा है जो पूरी दुनिया में सदियों से सुनी व पढ़ी जाती रही है। यह हज़ार कहानियों का एक खूबसूरत गुलदस्ता हैए जिसमें प्रत्येक कहानियां एक पफूल की तरह है। इन कहानियों में प्यारए सुखए दुःखए दर्दए धेखाए बेवपफाईए ईमानदारीए कर्तव्यए भावनाएं जैसे भावों का अद्भुत संतुलन हैए जिसको पाठकों और श्रोताओं को हमेशा लुभाया है। इस कथा के अनुसारए बादशाह शहरयार अपनी मलिका की बेवपफाई से दुःखी होकर उसका और उसकी सभी दासियों का कत्ल कर देता है और प्रतिज्ञा करता है कि रोजाना एक स्त्री के साथ विवाह करूंगा और अगली सुबह उसे कत्ल कर दूंगा। बादशाह के नफरत से उत्पन्न नारी जाति के प्रति इस अत्याचार को रोकने के लिए बादशाह के वजीर की पुत्री शहरजाद उससे शादी कर लेती है। वह किस्से.कहानी सुनने के शौकीन बादशाह को विविध् प्रकार की कहानियां सुनाती हैए जो हजार रातों में पूरी होती है। कहानी पूरी सुनने की लालसा में बादशाह अपनी दुल्हन का कत्ल नहीं कर पाता और उसे अपनी बेगम से प्यार हो जाता है। अपनी बेगम की बुद्धिमता से प्रभावित बादशाह औरतों के प्रति अपने मन में उत्पन्न नफरत को खत्म करने के अलावा अपनी प्रतिज्ञा भी तोड़ देता है और अंत में अपनी बेगम के साथ हंसी.खुशी रहने लगता है।
Name | Alif Laila Urf Hazar Dastan PB (1) |
---|---|
ISBN | 9789382562559 |
Pages | 24 |
Language | Hindi |
Author | Prakash Manu |
Format | Paperback |
अलिपफ लैला की कहानी अरब देश की एक प्रचलित लोक कथा है जो पूरी दुनिया में सदियों से सुनी व पढ़ी जाती रही है। यह हज़ार कहानियों का एक खूबसूरत गुलदस्ता हैए जिसमें प्रत्येक कहानियां एक पफूल की तरह है। इन कहानियों में प्यारए सुखए दुःखए दर्दए धेखाए बेवपफाईए ईमानदारीए कर्तव्यए भावनाएं जैसे भावों का अद्भुत संतुलन हैए जिसको पाठकों और श्रोताओं को हमेशा लुभाया है। इस कथा के अनुसारए बादशाह शहरयार अपनी मलिका की बेवपफाई से दुःखी होकर उसका और उसकी सभी दासियों का कत्ल कर देता है और प्रतिज्ञा करता है कि रोजाना एक स्त्री के साथ विवाह करूंगा और अगली सुबह उसे कत्ल कर दूंगा। बादशाह के नफरत से उत्पन्न नारी जाति के प्रति इस अत्याचार को रोकने के लिए बादशाह के वजीर की पुत्री शहरजाद उससे शादी कर लेती है। वह किस्से.कहानी सुनने के शौकीन बादशाह को विविध् प्रकार की कहानियां सुनाती हैए जो हजार रातों में पूरी होती है। कहानी पूरी सुनने की लालसा में बादशाह अपनी दुल्हन का कत्ल नहीं कर पाता और उसे अपनी बेगम से प्यार हो जाता है। अपनी बेगम की बुद्धिमता से प्रभावित बादशाह औरतों के प्रति अपने मन में उत्पन्न नफरत को खत्म करने के अलावा अपनी प्रतिज्ञा भी तोड़ देता है और अंत में अपनी बेगम के साथ हंसी.खुशी रहने लगता है।